बुधवार, 4 नवंबर 2009

मैने देखा था वो..........

मैने देखा था वो..........

दो हाथ, दो पैर, दो आखों वाला
मैने देखा था वो..........

तुम्हारे-हमारे जैसा दिखने वाला
मैने देखा था वो..........

हम जैसा पर कुछ अलग सा
मैने देखा था वो..........

उसके हाथो हो रहा था खून "इंसानियत" का
मैने देखा था वो..........

खून को देख हँसने वाला
मैने देखा था वो..........

लोगो को विलपते देख नाचने वाला
मैने देखा था वो..........

हमें हमारे आखिरी मुकाम तक पहुचाने वाला
मैने देखा था वो..........

खुनी दरिन्द्रो के साथ ख़ुशी बाटने वाला
मैने देखा था वो..........

साँसे रूकती जा रही थी पर....
पर....
मेरी नजरे उससे ना हटी,
क्योकि....
क्योकि.... अपनी आखरी "सासों" तक

"मैने देखा था वो.........."

1 टिप्पणी:

  1. Ati dravit rachna.... Maine dekha tha vo...
    Jivan ka rasta aapne chuna hai..
    bada kathin dagar hai ye...
    bahut achchhi koshish..

    Shubh Kamna Sahit
    Sandeep

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